बुधवार, अप्रैल 17, 2019

नींद: नौ कविता, ग्यारह क़िस्त-10

मैंने सुना है लगातार जागने से आदमी पागल हो जाता है
सुना ये भी है कि पागल आदमी लगातार जगता रहता है
और बहुत याद करता हूँ तो ये भी याद आता है
कि उसने एक बार कहा था
जीने के लिए पागलपन ज़रूरी है
और पागलपन के लिए जागना

अनुराग अनंत

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