मैं रचना गूढ़ लिखूं ,गम्भीर लिखूं ,
मैं दिल की उभरी पीर लिखूं ,
खाई है ,सूखी रोटी ,
तो फिर कैसे पूरी-खीर लिखूं ,
मैं घावों की गहरी टीस लिखूं ,
डॉक्टर की महँगी फीस लिखूं ,
माँ-बाप की बिमारी लिखूं ,
तंग जेबों की लाचारी लिखूं ,
है जो कातिल मैं जान रहा ,
फिर कैसे उसे फ़कीर लिखूं ,
खाई है सूखी रोटी ,
तो फिर कैसे पूरी खीर लिखूं
मैं रचना गूढ़ लिखूं गंभीर लिखूं ,
मैं दिल की उभरी पीर लिखूं ,
हैं हित टंगे हांसिये,पर सब के ,
जो दीन, दमित ,निधन तबके ,
मैं उनकी रोटी की तरसन लिख दूं ,
चीत्कार -रुदन- गर्जन- लिख दू
मैं अंधी और बहरी सरकार का हाल लिखूं ,
मैं अपने दिल का मलाल लिखूं ,
अब मन कहता है ,चीख -चीख ,
खुद के हाथों से खुद की तकदीर लिखूं ,
मैं रचना गूढ़ लिखूं ,गंभीर लिखूं ,
मैं दिल के उभरी पीर लिखूं ,
खाई है सूखी रोटी ,
तो फिर कैसे पूरी खीर लिखूं ,
तुम्हारा --अनंत
15 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया ...जब मन में पीर हो तो कैसे लिखी जाए पूरी खीर ...
कृपया टिप्पणी बॉक्स से वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .
बहुत अच्छी रचना है...
और एक बुलंद आवाज़ दे रही है ..
thax sangeeta jee
ati uttam anantji prayas jaari rahe.
ati uttam anantji prayas jaari rahe!
bahut badhiyan anant ji...aap kafi accha likh rahen hain...aasha hai aap kamyabi k is unmukt shikhar pare yun hi badhte rahenge hamarei subhkamnayen aap k sath hain...
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 03- 05 - 2011
को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.blogspot.com/
खाई है सुखी रोटी तो कैसे पूड़ी - खीर लिखूं ...
लेखन तो वही सार्थक है जो अपने अनुभवों पर लिखा जाए ना की बंधी बंधाई लीक पर ...
जब हर तरफ लूटमार, चीख -पुकार मची हो तो कोमल गीत थोड़े मुश्किल हो जाते हैं ...
सार्थक रचना !
गज़ब का फ्लो है रचना में. और सुन्दर भाव
बढ़िया प्रभावशाली रचना.
sangeet swaroop ji mai aapka abhaari hoon jo aapne meri rachna ko charcha manch me samil kiya
गज़ब का चिन्तन और लेखन है ……………दिल का दर्द उभर कर आया है……………शानदार लेखन्।
अति सुंदर। बहुत बधाई।
मार्कण्ड दवे।
http://mktvfilms.blogspot.com
बहुत मर्मस्पर्शी और भावमयी प्रस्तुति..शुभकामनायें.
hirday choo gayi ye rachna sach me
bahut samvedna sheel rachna.
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