इस दिल में गम ही गम है यारों ,
हँसते है हरदम, हम मुस्काते है,
झरनों सा बहते है इठलाते है ,
है अधरों पर मुस्कान हमारे , आँखे बिल्कुल नम है यारों ,
इस दिल में गम ही गम है यारों ,
हम उस पागल को खूब समझाते है ,
आंसू पोछ कर धीरज धरवाते है ,
पर कंहा मानता है वो पागल,मन तो आखिर मन है यारों ,
इस दिल में गम ही गम है यारों,
बहुत छला है हमे अपनों ने ,
हमे जला दिया है सपनो ने ,
मृत्यु मांगी जीवन पाया ,ये तो घोर सितम है यारों,
इस दिल में गम ही गम यारों ,
खंड -खंड कर तोड़ दिया है,
मेरी चाहत का गला मरोड़ दिया है ,
सच कहता हूँ यकीं मान लो ,ये वक़्त बहुत बेरहम है यारों ,
इस दिल में गम ही गम है यारों ,
''तुम्हारा --अनंत ''
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