मेरा घर
प्यार होने, न होने के बीच
कहीं था
और उसका घर
प्यार होने, न होने से
पहले या बाद कहीं पर
मैं हर सांस पर
अपने घर से उसके घर तक जाता
था
मतलब, प्यार होने, न होने
के बीच से
प्यार होने, न होने के पहले
या बाद तक
वो हर धड़कन पर
अपने घर से मेरे घर तक आती
थी
मतलब, प्यार होने, न होने
से पहले या बाद से
प्यार होने, न होने के बीच
तक
न उसने कभी
मेरे घर पर दस्तक दी
न मैंने कभी
उसका दरवाजा खटखटाया
हम दोनों ही
ताउम्र सफ़र में रहे
हम दोनों ही
कभी मिल न सके
तुम्हारा-अनंत
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