सबसे लम्बी दूरी तय करना है,
एक लम्बी सुरंग,
जिसके एक सिरे पर दर्द है,
और दुसरे सिरे पर,
दर्द का हमशक्ल,
डर, गुस्सा, घृणा, आंसू, उम्मीद, आशा, झल्लाहट,
और बहुत सारे बेनाम-अनाम लोग,
उस लम्बी दूरी के बीच भटक रहे हैं,
समोसा की तरह तिकोना मुंह,
तीर की तरह शरीर,
नाव की तरह पाँव,
रोटी की तरह पेट,
ताड़ की ताड़ी सा पसीना,
बहाते हुए चले जा रहे हैं,
सबसे लम्बी दूरी तय करना है,
पीठ से पेट के बीच की दूरी,
ख़ामोशी से शब्द के बीच की दूरी,
कल से आज के बीच की दूरी,
इंसान से इंसान के बीच की दूरी तय करना है,
सबसे लम्बी दूरी तय करना है..
तुम्हारा --अनंत
1 टिप्पणी:
amazine bhaiya
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