जो लिखा है
सब अधूरा है, लाचार है
इसलिए कभी कभी सोचता हूँ
लिखना बेकार है
किसी दिन छोड़ दूंगा खाली सफ़ा
जो मन में आए पढ़ लेना उसपे
तुम्हारे और मेरे अनकहे, अनसुने की
इससे बेहतर दूसरी कोई कविता
हो ही नहीं सकती
खाली सफ़े भी कविता होते हैं
पर हम उन्हें पढ़ नहीं पाते
जैसे हम अक्सर पढ़ नहीं पाते
किसी का मन और मौन
तुम्हारा- अनंत
सब अधूरा है, लाचार है
इसलिए कभी कभी सोचता हूँ
लिखना बेकार है
किसी दिन छोड़ दूंगा खाली सफ़ा
जो मन में आए पढ़ लेना उसपे
तुम्हारे और मेरे अनकहे, अनसुने की
इससे बेहतर दूसरी कोई कविता
हो ही नहीं सकती
खाली सफ़े भी कविता होते हैं
पर हम उन्हें पढ़ नहीं पाते
जैसे हम अक्सर पढ़ नहीं पाते
किसी का मन और मौन
तुम्हारा- अनंत
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