एक दिन मेरा मन किया, मैं कुछ बहुत अच्छा लिखूँ।
मैंने तुम्हारा नाम लिखा।
और फिर दुनिया की सारी कविताओं ने दाद दी
सारे कवि अचंभे से निहारते रहे मुझे
मेरे आस-पास मोर के पंख की तरह बिखर गए संसार के सारे महाकाव्य
इस तरह मैं, मैं नहीं रहा
मुझे एक झटके से पता चला
सपना जब कागज पर उतरता है
तो और बड़ा सपना हो जाता है
अनुराग अनंत
मैंने तुम्हारा नाम लिखा।
और फिर दुनिया की सारी कविताओं ने दाद दी
सारे कवि अचंभे से निहारते रहे मुझे
मेरे आस-पास मोर के पंख की तरह बिखर गए संसार के सारे महाकाव्य
इस तरह मैं, मैं नहीं रहा
मुझे एक झटके से पता चला
सपना जब कागज पर उतरता है
तो और बड़ा सपना हो जाता है
अनुराग अनंत
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