जब कौम किसी से लडती है तो बच्चा -बच्चा लड़ता है , |
जब तक जीत मिले न हमको ,
हमे लड़ते रहना है ,
मंजिल जब तक मिले न हमको ,
हमें बढ़ते रहना है ,
भूखे पेट पर हाँथ रख कर कसम खाओ ,
बांध कर मुट्ठी इंक़लाब का परचम लहराओ ,
फाँकाकशों को जोड़ कर एक फौज़ बनाओ ,
मुफलिसी के खूँ से रँगी दिवार ये गिराओ ,
जब तक जीवन मिले न हमको ,
हमें मरते रहना है ,
जब तक जीत मिले न हमको ,
हमें लड़ते रहना है ,..................
ग़म को यूँ ही , न दिल में दबाओ ,
न दबो किसी से , न अश्क बहाओ ,
कीमत समझो अपने पसीने की तुम ,
इसे परिवर्तन की नदी बनाओ ,
जब तक सागर मिले हमको ,
हमें बहते रहना है ,
जब तक जीत मिले न हमको ,
हमें लड़ते रहना है ,..................
तुम मजदूर ,तुम किसान ,तुम कामगार हो ,
तुम भूंखे हो ,तुम विपन्न हो ,तुम बेघर हो ,
तुम निर्माता ,तुम जनक ,तुम सर्जक हो ,
पर खुद को देखो तो तुम कितने जर्जर हो ,
जब तक सत्ता मिले न हमको ,
हमने शक्ति दिखाते रहना है ,
जब तक जीत मिले न हमको ,
हमें लड़ते रहना है ........................
तुम्हारा -अनंत
इन्कलाब जिंदाबाद ................
मजदूर एकता जिंदाबाद ......छात्र एकता जिंदाबाद ........किसान एकता जिंदाबाद ......
आज 1 may है जो की मजदूरों के संघर्ष के प्रतीक के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता , इस may दिवस से पूरे विश्व का मजदूर वर्ग प्रेरणा और संघर्ष की शक्ति प्राप्त करता है .ताकि वो इस पूंजीवादी शोषण पर टिकी हुई व्यवस्ता ,सरकार व मानसिकता के विरुद्ध लड़ सके , और सर्वहारा दृष्टिकोण पर आधारित समाजवादी व्यवस्था ,सरकार व मानसिकता स्थापित कर सके ........आज may दिवास पर मेरा मजदूर आन्दोलन व उनके संघर्षों को एक रचनात्मक समर्थन व नमन .......
तुम्हारा --अनंत
2 टिप्पणियां:
inqalab jindabaad
हमसे जमाना खुद है...
क्या हिन्दी चिट्ठाकार अंग्रेजी में स्वयं को ज्यादा सहज महसूस कर रहे हैं ?
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