एक खता हुई हमसे बस,
जो हमने तुमसे प्यार किया
तुमने, जीता हमको
हमसे और हम पर अधिकार किया
ऐसा हमको बना दिया
कि प्यार और किसी से न हो पाया
न दिल खुल कर हंस
पाया और न दिल खुल कर रो पाया
भुला सके होते जो
तुमको तो जीवन, जीवन बन जाता
तुम्हारी याद में ये
जीवन बस, बेबस भटकन बन पाया
हमने तुमको माँगा और
तुमने अपनी यादों का हार दिया
एक खता हुई हमसे
बस...
जब दर्द तुम्हारा
करवट लेता है, तो हम आह से गीत बनाते हैं
तुम बेवफा नहीं,
मेरी वफ़ा ही ज्यादा थी, खुद को ये समझाते हैं
कोई वफ़ा किसी से यूं
न करे कि खुद से बेवफा हो जाए
कोई याद किसी को यूं
न करे कि जीवन आंसू बन जाए
हमने यादो की दुनिया
में रो-रो कर जीवन गुज़ार दिया
एक खता हुई हमसे
बस...
हम जब भी पास
तुम्हारे आए, बस यूं ही मुस्काते थे
तुमने जख्म दिए थे
जो, वो हम तुमसे ही छिपाते थे
तुम कहते थे तो हंस
देते थे, तुम कहते तो गाते थे
तुम जो मिल जाते थे
तो हम धड़कन पा जाते थे
तुम्हारी यादों के
जख्मों का, हमने तुम्हारी यादों से उपचार किया
एक खता हुई हमसे
बस...
तुम्हारा-अनंत
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