पतंग याद की
रात की डोरी
उलझन का आकाश
मोरा पिया नहीं है पास-2
आग का दरिया
डूब के जाना
पानी में बहती प्यास
मोरा पिया नहीं है पास-2
शाम सी ढलती
रह रह जलती
जैसे दीपक में जले कपास
मोरा पिया नहीं है पास-2
खारे खारे
लम्हे सारे
मिट गयी सारी मिठास
कि मोरा पिया नहीं है पास-2
दरश जो पाऊं
मैं सुस्ताऊँ
सांस में आये सांस
मोरा पिया नहीं है पास
कि मोरा पिया नहीं है पास-2
तुम्हारा-अनंत
रात की डोरी
उलझन का आकाश
मोरा पिया नहीं है पास-2
आग का दरिया
डूब के जाना
पानी में बहती प्यास
मोरा पिया नहीं है पास-2
शाम सी ढलती
रह रह जलती
जैसे दीपक में जले कपास
मोरा पिया नहीं है पास-2
खारे खारे
लम्हे सारे
मिट गयी सारी मिठास
कि मोरा पिया नहीं है पास-2
दरश जो पाऊं
मैं सुस्ताऊँ
सांस में आये सांस
मोरा पिया नहीं है पास
कि मोरा पिया नहीं है पास-2
तुम्हारा-अनंत
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