बुधवार, फ़रवरी 25, 2015

दोनों मिल कर साथ चलेंगे...!!

कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलेंगे
दोनों मिल कर साथ चलेंगे

जीवन हो जगमग, जगमग
या फिर अंधियारी हो मग
अधरों पर मुस्कान सजे
या फिर अश्रु में डूबे दृग
अब जो भी होगा इस जीवन में
दोनो मिल कर साथ सहेंगे

कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलेंगे
दोनों मिल कर साथ चलेंगे.......

एक प्यारा सा सपना देखा
जिसमे तुम भी थे और हम भी थे
दोनों के लब मुस्काये थे
दोनों के नयना नम भी थे
इस स्वप्न गगन में हम साथ उगे हैं
दोनों मिल कर साथ ढलेंगे

कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलेंगे
दोनों मिल कर साथ चलेंगे.........

सुख की सर्दी, ग़म की गर्मी
अश्कों की बरसात मिलेगी
फूलों जैसे दिन भी होंगे
पत्थर जैसी रात मिलेगी
बन के दीपक, बन के बाती
जीवन भर हम साथ जलेंगे

कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलेंगे
दोनों मिल कर साथ चलेंगे.........

तुम्हारा-अनंत

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