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इस समुद्र के तन पर ध्यान से देखो खादी चढ़ी हैं |
समुद्र के चुम्बकत्व को ख़तम करना है ,जो खिंच कर पी जाता हैं सैकड़ों नदियाँ ,
हज़ारों लोगों को प्यासा छोड़ कर ,
तड़पते देखता है मुस्कुराते हुए ,
देश और प्रदेश की राजधानियों में,
सबसे शानदार इमारतों में हिलकोरा मरता हुआ ,
शोषित कंठों के रुदन पर अट्टहास करता हैं ,
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यहीं पर बहता है वो समुद्र ,अट्टहास करते हुए
तुम्हारा--अनंत | | | | | | |
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1 टिप्पणी:
समुद्र की संसद से तुलना ..अनुपम उदाहरण है .
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