करवट
सोमवार, अक्तूबर 17, 2011
15 अगस्त 1947 ,
आजादी के पहले
कई बार ऐसा लगा है ,
स्वतंत्रता कैद हो गयी है ,
तारीख के किसी पुराने ,
जर्जर किले में,
जिसका नाम है ,
15 अगस्त 1947 ,
उस किले के पीछे ,
और आगे बह रही है
मासूमों की खून की नदियाँ ,
जिनका कुसूर बस इतना था
कि उन्हें आजादी प्यारी थी
आजादी के बाद
तुम्हारा --अनंत
1 टिप्पणी:
संगीता स्वरुप ( गीत )
ने कहा…
सटीक लिखा है ..
अक्तूबर 17, 2011 11:55 am
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1 टिप्पणी:
सटीक लिखा है ..
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