चाँद पर जितने भी दाग़ हैं
वो सभी मेरे अधूरे प्रेम के किस्से हैं
और आसामन में जितने तारे हैं
वो सब वो अभागी जगहें हैं
जहाँ मैंने अपनी प्रेमिकाओं को चूमा था
या चूमते चूमते रह गया था
जहाँ हाँथ थाम कर उसका
मैं जुगनू या दीपक हो गया था
जहाँ झरने की तरह बह था मैं
या पुखराज की तरह पत्थर हो गया था
अनुराग अनंत
वो सभी मेरे अधूरे प्रेम के किस्से हैं
और आसामन में जितने तारे हैं
वो सब वो अभागी जगहें हैं
जहाँ मैंने अपनी प्रेमिकाओं को चूमा था
या चूमते चूमते रह गया था
जहाँ हाँथ थाम कर उसका
मैं जुगनू या दीपक हो गया था
जहाँ झरने की तरह बह था मैं
या पुखराज की तरह पत्थर हो गया था
अनुराग अनंत
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